Prachi Prajna (Jun 2022)
काव्यशास्त्रीय ग्रन्थों में वर्णित कविसमय
Abstract
कवि काव्य जगत का स्रष्टा होता है इसलिए उसे प्रजापति भी कहा गया है। कवि अपने काव्य जगत में ऐसे वर्णन करता है जिनका लौकिक जीवन से कोई सम्बन्ध नहीं होता है यह वर्णन कवि परम्परा से चलता रहता है जिसे ही कविसमय की संज्ञा दी गई है यह शब्द परम्परा प्राकृतिक या लौकिक रूप से सिद्ध तो नहीं होती परन्तु सहृदय सामाजिक पर यह गहरा प्रभाव डालती है क्योंकि यथार्थ जीवन से काल्पनिक जीवन सर्वथा ही सुखमय प्रतीत होता है।