Prachi Prajna (Jun 2022)

काव्यशास्त्रीय ग्रन्थों में वर्णित कविसमय

  • Sonali Bajpai

Journal volume & issue
Vol. VIII, no. 14
pp. 1 – 11

Abstract

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कवि काव्य जगत का स्रष्टा होता है इसलिए उसे प्रजापति भी कहा गया है। कवि अपने काव्य जगत में ऐसे वर्णन करता है जिनका लौकिक जीवन से कोई सम्बन्ध नहीं होता है यह वर्णन कवि परम्परा से चलता रहता है जिसे ही कविसमय की संज्ञा दी गई है यह शब्द परम्परा प्राकृतिक या लौकिक रूप से सिद्ध तो नहीं होती परन्तु सहृदय सामाजिक पर यह गहरा प्रभाव डालती है क्योंकि यथार्थ जीवन से काल्पनिक जीवन सर्वथा ही सुखमय प्रतीत होता है।

Keywords