Dev Sanskriti: Interdisciplinary International Journal (Jan 2022)

शांतिकुंज द्वारा संचालित ‘आओ गढ़ें संस्कारवान पीढ़ी - गर्भोत्सव संस्कार’ आन्दोलन से भारतीय समाज एवं गर्भवती माताओं में जागृति का प्रयास : एक विवेचनात्मक अध्ययन

  • Gayatri Sharma,
  • Reetu Singh

DOI
https://doi.org/10.36018/dsiij.v18i.227
Journal volume & issue
Vol. 19

Abstract

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किसी राष्ट्र की सच्ची सम्पत्ति वहाँ के आदर्श चरित्र वाले महान व्यक्ति होते हैं, जो राष्ट्र की प्रगति एवं कार्यशक्ति का आधार माने जाते हैं। मानव के वैचारिक पतन ने नकारात्मक दृष्टिकोण, असंतुलित जीवनशैली और विनाशकारी कार्य पद्धति को जन्म दिया है, फलस्वरूप वातावरण की विषाक्तता पनपी है और मानवता को खतरा उत्पन्न हो गया है । भारतीय एवं वैश्विक मनुष्य समुदाय में आधुनिक समय में उनकी परवरिश में शारीरिक विकास एवं स्वास्थ्य पर ही ध्यान दिया जाता है । उनके मानसिक, भावनात्मक एवं नैतिक विकास पर ध्यान न दिये जाने के कारण भावी पीढ़ी दिशा विहीन, तरह-तरह के अपराधों में लिप्त, भावनात्मक एवं नैतिक मूल्यों से वंचित होती जा रही है, जिसके कारण उच्चशिक्षा प्राप्त करने पर भी बच्चे संस्कारों के अभाव के कारण चिन्तन, चरित्र और व्यवहार में उत्कृष्टता, शालीनता, आदर्शवादिता एवं दैवी गुणों से वंचित हो रहे हैं, जिसका परिणाम परिवार, समाज एवं राष्ट्र में भ्रष्टाचार, पापाचार के रूप में आ रहा है । अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक युग ऋषि पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी के साहित्य में भावी पीढ़ी के निर्माण के सूत्र छिपे पड़े हैं। उनमें यह निर्देशित है कि बच्चों के गिरते मानवीय एवं नैतिक मूल्यों तथा समस्त सामाजिक, सांस्कृतिक एवं नैतिक पतन की जड़ गर्भ से प्रारम्भ होती है । गर्भ से ही बच्चों में व्यक्तित्व (शरीर एवं मन ) की नींव पड़ जाती है, अतः इस ज्ञान को प्रामाणिक और वैज्ञानिक आधार के साथ न केवल व्यक्ति, परिवार वरन राष्ट्र एवं विश्व हित के लिए जन-जन तक पहुँचाकर एक सभ्य, संस्कारित, सद्गुणी पीढ़ी के निर्माण का प्रयास आवश्यक है । इन प्रेरक प्रयासों के अंतर्गत पिछले ~5 सालों से भावी पीढ़ी के निर्माण में लगे प्रयासों को ‘आओ गढ़े संस्कारवान पीढ़ी’ आंदोलन के नाम से व्यवस्थित स्वरुप दिया गया है जिसका विवेचनात्मक अध्ययन इस शोध पत्र में प्रस्तुत है । The real wealth of a nation is the great people with ideal character, who are considered to be the basis of progress and work power of the nation. The ideological degradation of human has given rise to negative attitude, unbalanced lifestyle and destructive working practices, resulting in poisoning of the environment and threatening humanity. In modern times in Indian and global human community, the focus is only on physical development and health in their upbringing. Due to lack of attention to their mental, emotional and moral development, the future generation is becoming directionless, indulged in various types of crimes, deprived of emotional and moral values, due to which the children, even after getting higher education, are suffering from lack of values. Due to this, excellence in thinking, character and behavior, decency, idealism and divine qualities are being deprived, which results in corruption, sinfulness in the family, society and nation. In the literature of the founder of All World Gayatri Parivar Yug Rishi Pandit Shriram Sharma Acharya Ji, the sources of creation of the future generation are hidden. It is directed in them that the root of the declining human and moral values ​​of children and all social, cultural and moral degradation starts from the womb. From the very womb, the foundation of personality (body and mind) is laid in children, so by taking this knowledge with authentic and scientific basis, not only for the benefit of the individual, the family but also for the nation and the world, a civilized, cultured, virtuous person is born. With these inspirations, for the creation of the future generation, for past 5 years, the systematic efforts are made through 'Aao Gadhe Sanskarwan Generation' movement to awaken Indian society and pregnant mothers social welfare which are presented in this research paper.

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