Prachi Prajna (Dec 2022)

भारतीय संस्कृति एवं संस्कृत साहित्य

  • डॉ० संगीता कुमारी

Journal volume & issue
Vol. VIII, no. 15
pp. 1 – 5

Abstract

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आचारों और विचारों का समन्वय ही ‘संस्कृति’ है। इस दृष्टि से भारतीय संस्कृति की समग्रता की खोज करने के लिए उसके विचार-साहित्य का अनुशीलन करना आवश्यक है और इसमें अग्रणी है - ’संस्कृत साहित्य’। संस्कृत साहित्य में भारतीय संस्कृति की गहनता, गम्भीरता, विशालता और प्राचीनता आदि विभिन्न पहलूओं का सम्यक् विश्लेषण निहित है। जीवन के निर्माण और उन्नयन के मार्ग को सुझाना या दिखाना ही संस्कृत साहित्य को अभिप्रेत है। विशेषकर वैदिक साहित्य हमारे देश की मौलिक चिन्तन के उत्स हैं। यहाँ की संस्कृति की नींव उन्हीं पर आधारित है। वस्तुतः संस्कृत साहित्य एवं भारतीय संस्कृति में शाश्वत एवं अटूट संबंध है।

Keywords